आयोग के विचाराधीन समस्याओं/मुद्दों को रेखांकित करने वाले तथा सुधार के योग्य मामलों का सुझाव देने वाले कार्यपत्रों/परामर्शपत्रों पर क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर के परामर्शों में चर्चा की जाती है, जिसमें सरकार, गैर सरकारी संगठनों, वकीलों, शिक्षाविदों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, ताकि प्रतिक्रियाएं तथा सुझाव प्राप्त किए जा सकें। परामर्श प्रक्रिया में पेशेवर निकाय तथा शैक्षणिक संस्थान शामिल होते हैं। कार्यपत्रों/परामर्शपत्रों के आधार पर सुधार के लिए प्रस्तावित रणनीतियों पर आलोचनात्मक राय प्राप्त करने के लिए देश के विभिन्न भागों में संगोष्ठियाँ/कार्यशालाएँ/सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं। ये पत्र आयोग की वेबसाइट पर भी डाले जाते हैं तथा जनता के विचार आमंत्रित किए जाते हैं। संबंधित व्यक्ति भी ईमेल के माध्यम से अपने विचार भेजते हैं।