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संगोष्ठियां, कार्यशालाएं और सम्मेलन

आयोग सेमिनार, कार्यशालाएं और सम्मेलन आयोजित करता है तथा अनुसंधान संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके ऐसे आयोजनों को प्रायोजित करता है।

अब तक कवर किए गए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, शैक्षिक, स्वास्थ्य और रोजगार संबंधी पहलू, कृषि क्षेत्र में महिलाएं, पंचायती राज में महिलाएं, हिरासती न्याय, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान आदि शामिल हैं।

  • आयोग ने तीन राष्ट्रीय परामर्श आयोजित किये:
    – सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में महिलाएं- 27 जनवरी
    – स्थानीय स्वशासन में महिलाएँ - 7 फरवरी
    – सिविल सेवा में महिलाएं-10 फरवरी
  • 7 मार्च, 2003 को ‘शासन में महिलाएं’ विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई।
  • इन परामर्श/कार्यशालाओं का उद्देश्य इन क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी पर आंकड़े एकत्र करना, उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं और उनके सामने आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना था, ताकि उनके समाधान के लिए सिफारिशें प्रस्तुत की जा सकें।
  • महिला सशक्तिकरण संबंधी संसदीय समिति के सहयोग से 'विधानमंडल में महिलाओं' पर चौथा राष्ट्रीय परामर्श 21 अगस्त, 2003 को आयोजित किया गया।
  • राज्य महिला आयोगों की अध्यक्षों के साथ पहला सम्मेलन 28-29 मार्च, 2003 को आयोजित किया गया। सम्मेलन के दौरान बाल विवाह, भ्रूण हत्या, दहेज, पीएनडीटी अधिनियम और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
  • दूसरा अध्यक्ष सम्मेलन 22-23 अगस्त, 2003 को आयोजित किया गया
  • राज्य विधिक सहायता एवं परामर्श बोर्ड के अध्यक्षों तथा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एनसीडब्ल्यू, राज्य विधिक सहायता परिषद की सहायता से अगले 6 महीनों में कम से कम 100 पीएमएलए का आयोजन करेगा।
  • अपराध और हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए न्याय विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी 31 मई, 2003 को नई दिल्ली में आयोजित की गई।
  • हैदराबाद और लखनऊ में ‘लिंग संवेदनशीलता’ पर पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए
  • मुस्लिम महिलाओं के विकास के लिए लखनऊ, अजमेर और भोपाल में कार्यशालाएं आयोजित की गईं
  • आयोग ने 13 अगस्त, 2003 को नई दिल्ली में यूनीफेम और एडवोकेसी एवं शोध केंद्र के साथ मिलकर ‘एचआईवी/एड्स पर लैंगिक संवेदनशीलता नीति की दिशा में कार्य करना’ विषय पर परामर्श आयोजित किया।
  • ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न’ पर कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं और ‘महिलाओं पर वैश्वीकरण का प्रभाव’ पर सार्वजनिक सुनवाई की जाती है।
  • महिलाओं के आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और उनकी सामाजिक स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
  • निर्माण श्रमिकों की विशेषज्ञ समिति की बैठक में दिल्ली/गुड़गांव, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 5 सार्वजनिक सुनवाई आयोजित करने का निर्णय लिया गया
  • आयोग ‘उत्पीड़ित महिलाओं’ की समस्याओं और समाधान पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए भविष्य की योजना तैयार कर रहा है।
  • उपरोक्त कार्यक्रम राज्य महिला आयोगों और राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आयोजित किए जा रहे हैं
  • मुस्लिम महिलाओं के विकास के लिए लखनऊ, अजमेर और भोपाल में कार्यशालाएं आयोजित की गईं
  • लिंग और कानून प्रवर्तन
  • महिलाओं के विस्थापन का प्रभाव
  • हिरासत में महिलाएँ
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न
  • 7 अप्रैल 2005 को बीजिंग +10 के बाद लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में उपलब्धियों और चुनौतियों के मुद्दों पर बातचीत और परामर्श बैठक
  • 16-17 अप्रैल, 2005 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ‘उद्योग में महिलाएं: नीतियां, समस्याएं और संभावनाएं’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला
  • 25 अप्रैल, 2005 को ‘पंचायतें और बाल अधिकार: जन्म पंजीकरण पहचान का पहला अधिकार’ विषय पर सेमिनार
  • राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने 3 मई, 2005 से 5 मई, 2005 तक इस्लामाबाद, पाकिस्तान में बीजिंग + 10 के उपलक्ष्य में आयोजित 5वें दक्षिण-एशिया क्षेत्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया।
  • 27 मई, 2005 को इलाहाबाद में निर्माण के सहयोग से महिला एवं भूमि अधिकार पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई।
  • मेघालय राज्य महिला आयोग के सहयोग से 4 जून और 11 जून, 2005 को तुरा और शिलांग, मेघालय में विवाह और पारिवारिक संबंधों के पंजीकरण पर एक सेमिनार
  • केरल में होम नर्सों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के लिए 28 जून, 2005 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्रम और भारतीय नर्सिंग परिषद, दिल्ली नर्सिंग परिषद आदि के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
  • पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेषज्ञ समिति की बैठक 8 जुलाई, 2005 को आयोजित की गई जिसमें आयोग द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में शुरू किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।
  • 18 जुलाई को नई दिल्ली में सामाजिक अनुसंधान केंद्र और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के साथ ‘समानता प्राप्त करना: लिंग चयन का समाधान’ विषय पर बातचीत।
  • संसद की महिला सदस्यों और अन्य लोगों के साथ महिलाओं से संबंधित लंबित विधेयकों पर एक संवादात्मक बैठक (25 जुलाई, 2005)
  • आयोग की कार्य योजना पर चर्चा करने के लिए 26 जुलाई, 2005 को राज्य महिला आयोगों और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्षों के साथ बैठक आयोजित की गई।
  • पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन पर राज्य सचिवों-स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा पुलिस महानिदेशकों का अखिल भारतीय सम्मेलन (11 अगस्त, 2005) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में
  •  17 अगस्त 2005 को दिल्ली में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों और राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ बैठक
  • मैत्री नामक एक गैर सरकारी संगठन और असम राइफल्स वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में शिलांग में ‘एचआईवी/एड्स के विरुद्ध एक समान हस्तक्षेप’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया।
  • नई दिल्ली में ‘बलात्कार और यौन उत्पीड़न से संबंधित कानूनों की समीक्षा’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें यौन उत्पीड़न, बलात्कार और छेड़छाड़ से निपटने वाले कानूनों की समीक्षा के लिए केंद्र को दिए जाने वाले सुझावों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • नई दिल्ली में ‘दहेज निषेध अधिनियम, 1961 और संबंधित कानूनों से संबंधित संशोधन’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन
  • 10, 11 नवंबर 2005 और 3 जनवरी 2006 को शिक्षा निदेशालय और दिल्ली पुलिस की मदद से यौन हिंसा, आपराधिक अपहरण, उत्पीड़न की विभिन्न घटनाओं के बारे में स्कूली छात्रों के बीच लिंग जागरूकता पैदा करने के लिए नजफगढ़, नई दिल्ली में स्कूली छात्रों के लिए लिंग जागरूकता कार्यक्रम पर सम्मेलन