भाषा
हिंदी
सूचना उपलब्ध कराने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी –
पात्रता
- भारत का कोई भी नागरिक राष्ट्रीय महिला आयोग से सूचना प्राप्त कर सकता है।
- कोई व्यक्ति जो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत कोई सूचना प्राप्त करना चाहता है, उसे धारा 6(1) के अन्तर्गत प्रत्येक अनुरोध के साथ 10 रुपये शुल्क सहित हिन्दी या अंग्रेजी में लिखित अनुरोध करना होगा।
- आवेदक डाक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन भेज सकता है या सार्वजनिक प्राधिकरण के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जमा कर सकता है
- पी.आई.ओ. मौखिक रूप से अनुरोध करने वाले व्यक्ति को लिखित रूप में अनुरोध कम करने के लिए सभी उचित सहायता प्रदान करेगा।
- अपेक्षित शुल्क नकद, उचित रसीद के साथ अथवा बैंक ड्राफ्ट/बैंकर्स चेक अथवा पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से पी.ए.ओ. एनसीडब्ल्यू के नाम से भेजा/जमा किया जाएगा।
- सूचना प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शुल्क निर्धारित किया गया है:-
- आवेदन शुल्क रु.10/- प्रति आवेदन.
- पृष्ठों की प्रतिलिपि रु. 2/- प्रति पृष्ठ ए-4 या ए-3 में।
- बड़े आकार के कागज़ में प्रति के लिए वास्तविक लागत या प्रभार
- नमूना या मॉडल वास्तविक लागत.
- रिकार्ड के निरीक्षण के लिए, पहले घंटे के लिए कोई शुल्क नहीं, प्रत्येक बाद के घंटे (या उसके अंश) के लिए 5/- रु.
- फ्लॉपी/डिस्केट रु.50/- प्रति फ्लॉपी/डिस्केट.
नोट- गरीबी रेखा से नीचे के आवेदकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- निर्धारित प्रपत्र या सादे कागज पर अनुरोध प्राप्त होने पर, पी.आई.ओ. आवेदक को पावती जारी करेगा तथा यथाशीघ्र सूचना प्राप्त करने के लिए अनुरोध को संबंधित अनुभाग को अग्रेषित करेगा।
- पी.आई.ओ. अनुरोध प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर संबंधित अनुभाग को अनुरोध की डिलीवरी सुनिश्चित करेगा।
- दस्तावेजों या अभिलेखों के नोट्स, अंश या प्रमाणित प्रतियां लेने की अनुमति है। सामग्री का प्रमाणित नमूना लेने की भी अनुमति है। इस उद्देश्य के लिए आवेदक से लिखित अनुरोध पी.आई.ओ. द्वारा एकत्र किया जाएगा।
- आवेदक डिस्केट, फ्लॉपी, टेप, वीडियो कैसेट या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड में या प्रिंटआउट के माध्यम से, जहां सूचना संग्रहीत है; कंप्यूटर डिवाइस में डिवाइस की वास्तविक लागत के विरुद्ध सूचना प्राप्त कर सकता है।
- पी.आई.ओ. यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदक को 30 दिनों के भीतर पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी जाए। तीसरे पक्ष के मामले में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 40 दिनों की समयावधि दी जाती है।
- जनसंपर्क अधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वे आवेदनों की संख्या कम करने के लिए प्रेस विज्ञप्तियों और वेबसाइट के माध्यम से जनता को अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराएं।
- सभी अनुभाग अपने अभिलेखों और दस्तावेजों को ऐसे प्रारूप और तरीके से रखेंगे जो जनता के लिए आसानी से सुलभ हों। वे सूचना बोर्ड और समाचार पत्रों तथा आयोग की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/वेबसाइट के माध्यम से जनता को जानकारी देंगे।
- किसी भी विभाग का कोई अधिकारी/कर्मचारी, जिसकी सहायता इस प्रयोजन के लिए अपेक्षित है, सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार लोक सूचना कार्यालय को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेगा।
नोट:- सभी अनुभाग प्रभारियों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना के अनुसार पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। सूचना अधिनियम 2005 के अंतर्गत अपीलों की संख्या कम करने के लिए अधूरी या भ्रामक जानकारी से बचना चाहिए।