Last updated: फ़रवरी 4th, 2025
राष्ट्रीय महिला आयोग ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत मामलों के निवारण और त्वरित निपटान के लिए पीएमएलए की एक नवीन अवधारणा विकसित की है, जिसकी जड़ें पारंपरिक न्याय पंचायतों में हैं।
पीएमएलए की मुख्य विशेषताएं सौहार्दपूर्ण आपसी समझौता और कामकाज में लचीलापन हैं। जिला कानूनी सहायता और सलाहकार बोर्ड, कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर एनजीओ आयोग की वित्तीय सहायता से पारिवारिक महिला लोक अदालतों का आयोजन करते हैं।
अब तक 133 पीएमएलए आयोजित किए गए हैं जिनमें लगभग 7500 मामले निपटाए गए। वर्ष 2002-2003 में 3 पीएमएलए आयोजित किए गए।
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