page banner

शिकायत और अन्वेषण प्रकोष्ठ


Last updated: जनवरी 21st, 2025


 

  • मौखिक रूप से लिखित या आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करता है राष्ट्रीय महिला आयोग.
  • महिलाओं के अधिकारों से वंचित करने और महिलाओं के साथ अन्याय से संबंधित शिकायतों सहित देश भर से प्राप्त शिकायतों से निपटना, राष्ट्रीय आयोग अधिनियम, 1990 की धारा 10 के तहत महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध करने से संबंधित घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना

 

शिकायतों की संवीक्षा

 

  • प्राप्त शिकायतों की आयोग के अधिदेश और शिकायतों से निपटने के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं के अनुसार जांच की जाती है
  • आयोग के अधिदेश तथा शिकायतों को निपटाने की अगींकृत प्रक्रिया के अन्तर्गत आने वाली शिकायतें 19 अभिनिर्धारित श्रेणियों के अन्तर्गत पंजीकृत की जाती हैं।
  • निम्नलिखित प्रकृति की शिकायतों को सरसरी तौर पर खारिज किया जाता है:-
    1. अपठनीय अथवा अस्पशस्ट , अज्ञात अथवा छद्मनामी शिकायतें;
    2. उठाया गया मुद्दा पार्टियों के बीच दीवानी विवाद से संबंधित है;
    3. पक्षों के मध्य सिविल विवादों से संबंधित उठाए गए मुद्दे
    4. सेवा मामलों से संबंधित उठाए गए मुद्दे न्यांयालय/अधिकरण के समक्ष विचारधीन मामले
    5.  वे शिकायतें जो किसी राज्य आयोग अथवा किसी अन्य आयोग के समक्ष पहले से लम्बित है।
    6. आयोग को भेजी गई शिकायतें
    7. महिलाओं के अधिकारों से वंचित न होने वाली शिकायतें

 

 

शिकायतों की प्रोसेसिंग

 

शिकायतकर्ता को पर्याप्‍त राहत प्रदान करना तथा उसकी शिकायतों का उपयुक्‍त निराकरण सुनिश्‍चित करना। शिकायतें निम्‍नलिखित ढंग से की जाती हैं :

 

  1. पुलिस द्वारा अन्वेषण शीघ्र पूरा तथा इसकी निगरानी की जाती है।
  2. पारिवारिक विवादों को आयोग के समक्ष परामर्श या सुनवाई के माध्यम से सुलझाया या समझौता किया जाता है। गंभीर अपराधों के लिए, आयोग एक समिति का गठन करता है गठित जांच समिति आयोग जांच समिति का गठन करता है, जो स्‍पॅाट जांच, विभिन्‍न गवाहों की जांच, साक्ष्‍यों को एकत्र करती है तथा सिफारिशों के साथ रिपोर्ट प्रस्‍तुत करती है। ऐसे अन्‍वेषण हिंसा तथा अत्‍याचारों के पीड़ितों को तुरंत राहत और न्‍याय प्रदान करने में सहायता करती हैं। रिपोर्ट के कार्यान्‍वयन की राष्‍ट्रीय महिला आयोग द्वारा निगरानी की जाती है। इन समितियों में विशेषज्ञ/अधिवक्‍ताओं को रखने का प्रावधान है।
  3. अंत में, शिकायतों के निपटारे के लिए कुछ शिकायतें संबंधित राज्‍य महिला आयोग तथा राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग आदि जैसे अन्‍य मंचों को भी अग्रेषित की जाती हैं।
  4. कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के संबंध में, संबंधित संगठनों या विभागों से आग्रह किया जाता है कि वे कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अनिवार्य प्रावधानों के अनुसार आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन करें ताकि ऐसी शिकायतों की जाँच की जा सके। आयोग नियमित रूप से इन शिकायतों की निगरानी करता है और वैधानिक प्रावधानों का पालन करके शिकायतों के निपटान में तेजी लाने के लिए संबंधित संगठनों/विभागों के साथ इन शिकायतों को उठाता है।

 

शिकायतों का विश्‍लेषण

 

  1. प्राप्‍त शिकायतें महिलाओं के साथ अपराधों के रूझान को दर्शाती हैं तथा अपराधों में कमी के लिए आवश्‍यक प्रणालीबद्ध परिवर्तनों का सुझाव देती हैं ।
  2. महिलाओं के साथ हिंसा से निपटने में सरकार के रूटीन कार्यकरण में अंतरालों को समझने तथा सुधारात्‍मक उपायों को सुझाने के लिए शिकायतों का विश्‍लेषण किया जाता है ।
  3. शिकायतों का पुलिस, न्‍यायपालिका, अभियोक्‍ता, न्‍यायिक वैज्ञानिकों, रक्षा अधिवक्‍ताओं तथा अन्‍य प्राथमिक कार्यकर्ताओं को संचेतना कार्यक्रमों के लिए केस अध्‍ययनों के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

 

यहां आपको इस खण्ड में क्या मिलेगा

 

 

Standard Operating Procedures for Handling

 

  • शिकायत और जांच सेल (सी एंड आई सेल) में शिकायतों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं  (242.25 KB) 

 

हिंसा मुक्त घर - एक महिला का अधिकार

 

  • राष्ट्रीय महिला आयोग का संयुक्त कार्यक्रम ‘हिंसा मुक्त घर – महिला का अधिकार’, दिल्ली पुलिस तथा टीआईएसएस मुम्बई (88.4 KB) 

सेल से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराने का इच्छुक व्यक्ति आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराकर ऐसा कर सकता है। https://ncwapps.nic.in की धारा के तहत ऑनलाइन शिकायत दर्ज करेंकोई भी व्यक्ति सभी महत्वपूर्ण विवरणों सहित एक लिखित आवेदन (यदि कोई हो तो सहायक दस्तावेजों के साथ) डाक के माध्यम से या हाथ से भी भेज सकता है।

भारत में महिलाओं के अधिकारों से वंचित करने या महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित कोई भी मामला राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज किया जा सकता है। शिकायत में मामले का पूरा विवरण होना चाहिए और राष्ट्रीय महिला आयोग से मांगी गई विशिष्ट राहत/हस्तक्षेप का उल्लेख होना चाहिए।

  1. अपहरण
  2. एसिड प्रहार
  3. गर्भपात का कारण
  4. आपराधिक धमकी/
  5. हमला
  6. महिलाओं के विरुद्ध साइबर अपराध
  7. महिलाओं को मातृत्व लाभ से वंचित करना
  8. घरेलू हिंसा
  9. दहेज उत्पीड़न
  10. दहेज मृत्‍यु
  11. लिंग भेदभाव, जिसमें शिक्षा और काम का समान अधिकार भी शामिल है
  12. हत्या
  13. हत्या का प्रयास
  14. महिलाओं का शील भंग करना/छेड़छाड़
  15. महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता
  16. बहुविवाह/द्विविवाह
  17. तीन तलाक
  18. रेप
  19. महिलाओं के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता हेतु अनुरोध
  20. विवाह में चुनाव करने का अधिकार
  21. इज्जत के लिए प्यार करने वालों की हत्या करना
  22. लिंग चयनात्मक गर्भपात; कन्या भ्रूण हत्या / एमनियोसेंटेसिस
  23. यौन उत्पीड़न
  24. यौन उत्पीड़न
  25. कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न
  26. पीछा करना
  27. ताक-झांक
  28. तस्करी
  29. महिलाओं से जबरन वेश्यावृत्ति करवाना
  30. महिलाओं का अमानवीयकरण और कलंक

राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा निम्नलिखित श्रेणियों की शिकायतों को सरसरी तौर पर खारिज किया जा सकता है:

  • अस्पष्ट या अपठनीय, अनाम या छद्मनाम वाली शिकायतें
  • यदि मामला पक्षों के बीच किसी सिविल विवाद से संबंधित है जैसे संविदात्मक अधिकार या दायित्व
  • उठाया गया मुद्दा सेवा मामलों से संबंधित है जिसमें महिलाओं के अधिकारों का हनन शामिल नहीं है
  • उठाया गया मुद्दा श्रम/औद्योगिक विवादों से संबंधित है, जिसमें महिलाओं के अधिकारों का हनन शामिल नहीं है
  • मामला न्यायालय/न्यायाधिकरण में विचाराधीन है
  • मामला राज्य आयोग के समक्ष लंबित है
  • इस मामले पर आयोग द्वारा पहले ही निर्णय लिया जा चुका है। यह मामला किसी अन्य आधार पर राष्ट्रीय महिला आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

यदि शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा स्वीकार कर ली गई है, तो शिकायत प्राप्त होने पर शिकायतकर्ता को शिकायत संख्या, लॉगिन आईडी और पासवर्ड के साथ एक पावती भेजी जाती है। शिकायत अस्वीकार होने की स्थिति में, शिकायतकर्ता को जल्द से जल्द इसकी सूचना दी जाएगी। कोई भी व्यक्ति टेलीफोन पर या व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रीय महिला आयोग जाकर भी इसकी जांच कर सकता है।

यदि आपकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा स्वीकार कर ली जाती है तो आपको लॉगिन आईडी और पासवर्ड के साथ एक शिकायत संख्या आवंटित की जाएगी जिसका उपयोग आयोग की वेबसाइट पर आपकी शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। आप इसे टेलीफ़ोन पर या व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रीय महिला आयोग में जाकर भी जाँच सकते हैं।

शिकायत संबंधी प्रश्नों के लिए 24x7 एनसीडब्ल्यू महिला हेल्पलाइन नंबर डायल करें:- 7827170170

आप हमसे सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच कभी भी संपर्क कर सकते हैं। कार्य दिवस - सोमवार से शुक्रवार या आप किसी भी समय ईमेल के माध्यम से विवरण भेज सकते हैं।

  • शिकायतकर्ता और प्रतिवादी का संपर्क विवरण (यदि उपलब्ध हो)
  • घटना का संक्षिप्त विवरण
  • पहले से ही समाप्त हो चुके उपायों का विवरण
  • सहायक दस्तावेज़ (यदि कोई हो)

On receipt of a complaint, the commission:

  1. Scrutinizes the complaint as per NCW mandate
  2. Mandated complaints are registered and case number allotted
  3. Non mandated complaints are summarily dismissed upon intimation
  4. As per the nature of the complaint, the mandated complaints are taken up with the concerned authorities. Following actions are mainly taken to redress the grievances of the complainants :
    • Expediting/monitoring police investigation
    • Monitor proper implementation of statutory provisions
    • Resolving the issues through mediation/counseling
    • For serious crimes, the National Commission for Women forms an Inquiry committee which further examines various aspects of the case.

Yes, you can file a complaint with National Commission for Women. The Commission will take up your case with your employer/concerned organization to monitor the proceedings of your complaint as per the mandatory provisions of the Sexual Harassment at Workplace Act, 2013.

Yes, you can approach the National Commission for Women in case your employer/ concerned organization is denying you the maternity benefit as per the provisions of the Maternity Benefit Act, 1961.

Yes, you can seek the National Commission for Women or State Women Commission’s help if you want to resolve the issue through mediation, counseling or for expediting police investigation.

Directory


क्र.सं. कमरा नं. नाम पद का नाम कार्यालय नंबर फैक्स नंबर इंटरकॉम नंबर ईमेल पता
1 209 श्रीमती शिवानी डे उप कुल सचिव - - 203 shivani[dot]dey[at]gov[dot]in
2 401 श्री सुधीर गोयल अनुसचिव - - 271 ao-ncw[at]nic[dot]in
3 002 श्रीमती एम. लीलाबती वरिष्ठ समन्वयक - - 512 lilabati[dot]ncw[at]gov[dot]in
4 002 श्री सत्येन्द्र सिंह चौरसिया विधि सहायक - - 515 satyendra[dot]chaurasia[at]gov[dot]in
5 401 श्रीमती गुंजन सिंह काउंसलर - - 315 gunjansingh[dot]ncw[at]gov[dot]in
6 003 सुश्री सलोनी प्रभाकर काउंसलर - - 327 saloni[dot]ncw[at]nic[dot]in
7 203 सुश्री अंजना शर्मा जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 229 anjana[dot]ncw[at]nic[dot]in
8 401 श्री साहिल कुमार जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 334, 521 sahil[dot]ncw[at]nic[dot]in
9 002 सुश्री निधि आर्य जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 517 nidhi[dot]ncw[at]nic[dot]in
10 002 सुश्री दीपाली श्रीवास्तव जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 519 deepali[dot]ncw[at]nic[dot]in
11 002 श्री कमल जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 241 kamal[dot]ncw[at]nic[dot]in
12 002 श्री मनमोहन शर्मा जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 241 manmaohan[dot]ncw[at]nic[dot]in
13 002 श्री ऋषि मदान जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - 519 rishi[dot]ncw[at]nic[dot]in
14 002 श्री रितेश नांगिया जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - - ritesh[dot]ncw[at]nic[dot]in
15 002 श्री यश शर्मा जूनियर तकनीकी विशेषज्ञ - - - sharmayash[at]hotmail[dot]com
16 002 श्रीमती नीतू रावत क्लर्क (डीडब्ल्यू) - - - -
17 002 श्री राज कुमार क्लर्क (डीडब्ल्यू) - - - -
18 002 श्रीमती मधु पाल क्लर्क (डीडब्ल्यू) - - 536 -