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आयोग के बारे में

Last updated: जनवरी 3rd, 2025


राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में सांविधिक निकाय के रूप में की National Commission for Women Act, 1990 ( Act No. 20 of 1990 of Govt. of India) गई थी

  • महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करें
  • उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना;
  • शिकायतों के निवारण की सुविधा प्रदान करना और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।

अपने अधिदेश के अनुरूप, आयोग ने महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए विभिन्न कदम उठाए तथा रिपोर्ट के तहत वर्ष के दौरान उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम किया। आयोग को बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उसने त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए कई मामलों में स्वतः संज्ञान लिया। इसने बाल विवाह के मुद्दे को उठाया, कानूनी जागरूकता कार्यक्रम प्रायोजित किए, पारिवारिक महिला लोक अदालतें आयोजित कीं तथा महिलाओं से संबंधित कानूनों जैसे दहेज निषेध अधिनियम, 1961, पीएनडीटी अधिनियम 1994, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) तथा राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 की समीक्षा की, ताकि उन्हें अधिक कठोर तथा प्रभावी बनाया जा सके। इसने परामर्श आयोजित किए, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेषज्ञ समितियों का गठन किया, लैंगिक जागरूकता के लिए कार्यशालाएं/सेमिनार आयोजित किए तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा आदि के विरुद्ध प्रचार अभियान चलाया, ताकि इन सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध समाज में जागरूकता पैदा की जा सके।

इस खंड में आप पाएंगे :