अधिनियम में अपील के लिए दो स्तरीय प्रणाली का प्रावधान है।
श्रीमती कुसुम मिश्रा, उप सचिव को अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है। National Commission for Women.
कोई भी व्यक्ति जिसे सामान्यतः 30 दिनों के भीतर तथा तृतीय पक्ष से सूचना प्राप्त होने की स्थिति में 40 दिनों के भीतर सूचना प्राप्त नहीं होती है या जो उपलब्ध कराई गई सूचना से संतुष्ट नहीं है, वह अपूर्ण सूचना के लिए प्रथम अपील कर सकता है (जैसा भी मामला हो)।
आवेदक अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है जो पी.आई.ओ. से वरिष्ठ रैंक का अधिकारी होता है।
सूचना देने की 30 दिन की सीमा समाप्त होने की तिथि से या पी.आई.ओ. की सूचना या निर्णय प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन की अवधि के भीतर अपील दायर की जा सकती है। यदि आवेदक द्वारा पर्याप्त कारण बताए जाते हैं तो अपीलीय प्राधिकारी देरी को माफ कर सकता है।
अपीलीय प्राधिकारी अपील प्रस्तुत होने के 30 दिनों के भीतर अपील का निपटारा करेगा।
यदि कोई व्यक्ति अपीलीय प्राधिकरण के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो अपीलीय प्राधिकरण के निर्णय के विरुद्ध दूसरी अपील केन्द्रीय सूचना आयोग को भेजी जा सकती है।
द्वितीय अपील दायर करने के लिए 90 दिन की समय सीमा निर्धारित है।
यदि पर्याप्त कारण दर्शाया जाए तो आयोग विलम्ब को माफ कर सकता है।
जन सूचना अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध तृतीय पक्ष अपील प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष 30 दिन के अन्दर तथा प्रथम अपील के निर्णय के 90 दिन के अन्दर उत्तर प्रदेश राज्य आयोग के समक्ष दायर की जा सकती है।
केंद्रीय सूचना आयोग को शिकायतों और अपीलों आदि पर विचार करने के लिए व्यापक शक्तियां दी गई हैं। उन्हें व्यक्तियों को बुलाने और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने; उन्हें मौखिक या लिखित शपथ-पत्र देकर दस्तावेज या चीजें (यदि आवश्यक हो) प्रस्तुत करने के लिए बाध्य करने की शक्तियां दी गई हैं।