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संक्षिप्‍त इतिहास

Last updated: अक्टूबर 14th, 2024


राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में सांविधिक निकाय के रूप में की राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 (भारत सरकार का अधिनियम संख्या 20, 1990) महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना; सुधारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना, शिकायतों के निवारण में सहायता करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।

संक्षिप्‍त इतिहास
भारत में महिलाओं की स्‍थिति पर समिति (सीएसडब्‍ल्‍यूआई) ने लगभग दो दश्‍क पहले ही महिलाओं की शिकायतों के निवारण को सुकर बनाने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने के लिए निगरानी के कार्यों को पूरा करने के लिए राष्‍ट्रीय महिला आयोग के गठन की अनुशंसा की थी।

  • राष्‍ट्रीय महिला भावी योजना (1988-2000) सहित अनुक्रमिक समितियों / आयोगों / योजनाओं ने महिलाओं हेतु सर्वोच्‍च निकाय गठित करने की अनुशंसा की।
  • वर्ष 1990 के दौरान, केंद्र सरकार ने गठित किए जाने वाले प्रस्‍तावित आयोग की संरचना, कृत्‍यों, शक्‍तियों आदि के बारे में गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं विशेषज्ञों के साथ परामर्श बैठकें आयोजित कीं।
  • मई, 1990 में, विधेयक को लोक सभा में पुर:स्‍थापित किया गया।
  • जुलाई 1990 में, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विधेयक के बारे में सुझाव प्राप्‍त करने के लिए राष्‍ट्र स्‍तरीय सम्‍मेलन आयोजित किया। अगस्‍त, 1990 में सरकार अनेक संशोधन लाई और आयोग को सिविल न्‍यायालय की शक्‍तियां प्रदान करने के नए उपबंध पुर:स्‍थापित किए।
  • विधेयक पारित हुआ और 30 अगस्त, 1990 को राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति मिली।
  • The First Commission was constituted on 31st January 1992.